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S Kumar

5 years ago

बाबा फरीद ने पंजाबी में क्या खूब कहा है - वेख फरीदा मिट्टी खुल्ली, (कबर) मिट्टी उत्ते मिट्टी डुली; (लाश) मिट्टी हस्से मिट्टी रोवे, (इंसान) अंत मिट्टी दा मिट्टी होवे (जिस्म) ना कर बन्दया मेरी मेरी, (पैसा) ना ऐह तेरी ना ऐह मेरी; (खाली जाना) चार दिना दा मेला दुनिया, (उम्र) फ़िर मिट्टी दी बन गयी ढेरी; (मौत) ना कर एत्थे हेरा फेरी, (पैसे कारन झुठ, धोखे) मिट्टी नाल ना धोखा कर तू, (लोका नाल फरेब) तू वी मिट्टी मैं वी मिट्टी; (इंसान) जात पात दी गल ना कर तू, जात वी मिट्टी पात वी मिट्टी, (पाखंड) जात सिर्फ खुदा दी उच्ची, बाकी सब कुछ मिट्टी मिट्टी। ??? ???

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