ओस की बूंदे टपकती पत्तों से ऐसे नाजुक से मोती हो ये जैसे ...... लगते है खूबसूरत से ये मोती ऐसे मानों कुछ कहने जा रहे हों जैसे ....... कभी बात करने को बेचैन रहती हूँ इनसे ऐसे ये भी पूँछना चाह रहे हो हाल चाल मेरा जैसे .... मोती बन टपक जाते है ये ऐसे खुद को कुर्बान कर रहें हो जैसे ...... नहीं ठहरते नाजुक पत्तों से नैनो में ये मिट्टी की खुशबू याद आ जाती हो इन्हें जैसे... छेड़ दो कभी खामोश पत्तों को यादों के साय में फिसल जाते हो ये मोती बन जैसे...... कभी खुद को ढालती हूँ इनमें ऐसे खुद ओस की बूंद लगती हूँ मैं जैसे.......।।..... #creatorshala #vlogger #Blogger #Instagram #vlog #creator #Teenblogger #throwback #evening #eve #Delhi #youtube